UP Board Chapter 2 Class 11th Forgetting

What are the cause of forgetting

What is memory and forgetting in psychology

Board UP Board
TextbookNCERT
Class 11th
Subject English
Chapter 2
Chapter nameForgetting
CategoryEnglish PROSE Class 11th

UP Board Chapter 2 Class 11

UP Board Chapter 2 Class 11th Forgetting
Chapter 2 Class 11th Summary of the Lesson
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Introduction to the lesson

Introduction to the lesson : The writerof this essay is Robert Lynd. He wasa creatmodern essayist of the 20th century. Thepresentessay has been taken from ITremble to Think’. In this essay the writer says that absentmindedness is com.bmon. It is the efficiency rather than the inefficiency of human memory that com. pels his wonder. There are some matters in regard to which the memory works
with less than its usual perfection as taking medicine and posting letters. The absentminded man is often a man who is making the best of life.

पाठ का परिचय-प्रस्तुत

पाठ का परिचय-प्रस्तुत निबन्ध का लेखक Robert Lynd है। वह बीसवीं शताब्दी के महान आधुनिक निबन्धकार हैं। प्रस्तुत निबन्ध ‘ITremble To Think’ नामक निबन्ध संग्रह से अवतरित है।
इस निबन्ध में लेखक कहता है कि भुलक्कड़पन एक सामान्य बात है। यह अक्षमता नहीं बल्कि क्षमता का गुण है जो मानव के आश्चर्य को प्रभावित करता है। कुछ मामलों जैसे दवा लेने व पत्र डालने के
मामले में बहुधा घटित हो जाता है। भुलक्कड़ व्यक्ति बहुधा जीवन में सर्वोत्तम कार्य करते हैं।

पाठ का परिचय-प्रस्तुत

Para 1

Para1: लन्दन के एक बड़े रेलवे स्टेशन पर यात्रियों द्वारा खोए हुए और अब बिक्री के लिए रखे हुए सामान की सूची प्रकाशित हुई है तथा बहुत से व्यक्ति जिन्होंने इस सूची को पढ़ा है, अपने साथियों ।
की विस्मृति पर आश्चर्यचकित हैं। यदि लिखित आँकड़े, तथ्य एवं संख्याएँ उपलब्ध हों, फिर भी मुझे सन्देह है कि यह देखने में आएगा कि विस्मृति सामान्य होती है। वह मनुष्य की स्मृति की कार्यकुशलता है अपेक्षाकृत अकुशलता के,जो मेरे आश्चर्य को प्रभावित करती है। आज का मनुष्य तो टेलीफोन नम्बरों
को भी याद रखता है। उसे अपने मित्रों के पते भी याद रहते हैं। उसे शुभ अवसरों की तिथि याद रहती है। वह अच्छे अंगूरों को इकट्ठा करने के समय को भी याद रखता है। वह दोपहर तथा रात्रि के भोजन के निश्चित किये गये समय को भी याद रखता है। उसकी स्मृति में अभिनेताओं, अभिनेत्रियों, क्रिकेट के खिलाड़ियों, फुटबाल के खिलाड़ियों तथा हत्यारों के पते भी याद रहते हैं। वह आपको बता सकता है कि वर्षों पहले अगस्त माह में कैसा मौसम था। और उस प्रान्तीय होटल का नाम भी बता सकता है, जहाँ उसने ग्रीष्म ऋतु में काफी बुरा भोजन किया था। उसके जीवन में उसे वे सभी चीजें याद रहती हैं, जिनका। याद रखने की उससे आशा की जाती है। लन्दन में ऐसे कितने व्यक्ति हैं जो प्रातः काल वस्त्र पहनते हुए
केवल एक वस्त्र पहनना भूल जाते हैं? सौ में से एक भी नहीं। शायद एक हजार में एक भी नहीं। एस। कितने लोग हैं घर से बाहर जाते समय सामने का दरवाजा बन्द करना भूलते हों? मुश्किल से ही ऐसा
कोई होगा। और ऐसा पूरे दिन होता रहता है, लगभग प्रत्येक व्यक्ति ठीक समय पर ठीक वस्तु याद रखता है, जब तक उसके सोने का समय हो जाता है तथा वह साधारण व्यक्ति भी ऊपर की मन्जिल पर जाने से पूर्व लाइट बुझाना कभी नहीं भूलता।।

Para 2

Para2: यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि कछ कार्य ऐसे होते हैं जिनके बारे में स्मृति अपना सामान्य पूर्णता से कम कार्य करती है। लेखक के मतानुसार केवल व्यवस्थित व्यक्ति ही अपन डाव तथा बताई हुई दवा को लेने की याद रखता है। यह और अधिक आश्चर्यजनक है, क्योंकि दवा उन सरलतम वस्तुओं में से एक है जो याद रखनी चाहिए। नियम के अनुसार यह माना जाता है कि दवा
भोजन से पहले, भोजन करते समय या भोजन के पश्चात ली जाती है तथा भोजन इसे स्वयं स्मरण कराbसकता है। फिर भी वास्तविकता यह है कि बहुत ही कम लोग सिवाय नैतिक विभूतियों के नियमित रूपbसे दवा लेना याद रखते हैं। कुछ मनोवैज्ञानिक हमें बताते हैं कि हम चीजों को भूल जाते हैं क्योंकि हमbउन्हें भूलने की इच्छा करते हैं और यह भी हो सकता है कि बहत से लोगों को गोलियों और काढा लेनेbसे घणा होने के कारण वे उनको निर्धारित समय पर लेना भूल जाते हैं। फिर भी इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि लेखक की भाँति जीवन भर दवाओं से प्रेम करने वाले व्यक्ति भी दवा लेना भूल जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने वाली अचूक औषधि के बारे में विज्ञापन देखकर मुझे आश्चर्य होता है। फिर भी मेरीbजेबों में दवा पाई जाती है। जब दवा लेने का समय आता है तब मैं उसे भूल जाता हूँ, जिसे मुझे ले लेनाbचाहिए था। दवा विक्रेता उन दवाओं को बेचकर बहुत धन कमाते हैं। ।

Para 3

Para 3 : मैं मानता हूँ कि विस्मृति का सबसे साधारण रूप पत्रों को पत्र-पेटी में डालने में पाया जाता है। यह इतना सामान्य होता है कि मैं जाने वाले किसी व्यक्ति पर महत्वपूर्ण पत्र डालने में विश्वास
करने के लिए हमेशा अनिच्छुक रहता हूँ। मैं उसकी स्मृति पर इतना कम निर्भर रहता हूँ कि उसे पत्र देनेbसे पूर्व उससे सौगन्ध खाने के लिए कहता हूँ। जहाँ तक मेरा सम्बन्ध है, कोई व्यक्ति जो मुझे पत्र डालने के लिए कहता है, मेरा चरित्र खराब निर्णायक है। यद्यपि मैं पत्र को अपने हाथ में ले लेता हूँ। यद्यपि में स्मरण करता हूँ कि मुझे पहले मिलने वाली पत्र-पेटी में पत्र डालना चाहिए था, प्रथम पत्र-पेटी पीछे छूट जाती है। हाथ में पत्र लेते हुए थका होने पर मैं उसे सरक्षा के लिए जेब में रख लेता हूँ और उसके बारे । में पूरी तरह से भूल जाता हूँ। इसके पश्चात् वह पत्र शान्त जीवन व्यतीत करता है। परिस्थितियों के क्रमbमें मुझसे घबराने वाले प्रश्न पूछे जाते हैं और मैं विवश होकर अपनी जेब से अपने अपराध के सबूत में वह पत्र, जिसे मैंने डाला नहीं था, निकालकर दिखाता हैं। यह सोचा जा सकता है कि इसका कारण अन्य लोगों के पत्रों में रुचि की कमी होती है. लेकिन यह इस कमी का स्पष्टीकरण नहीं हो सकता, क्योंकि मैं उन थोड़े से पत्रों को भी डालना भूल जाता हूँ, जिन्हें लिखने की मुझे याद रहती है।

Para 4

Para 4: जहाँ तक रेलगाड़ियों और टैक्सियों में सामान छोड़ने का मामला है, मैं बड़ा अपराधी नहीं हूँ। मैं प्रायः प्रत्येक वस्तु को याद रख सकता हूँ, सिवाय पुस्तकों और घूमने में प्रयुक्त छड़ियों के तथा
मैं पुस्तकों को भी याद रख सकता है। लेकिन मुझे भ्रमण छड़ियों की याद रख पाना असम्भव लगता है।मुझे उनके लिए पुराने काल की रुचि है, और मैं उनको प्रायः खरीदता रहता हूँ। लेकिन मैं ज्यों ही किसी मित्र के घर जाता हूँ अथवा रेलगाड़ी में यात्रा करता हूँ तब एक दूसरी छड़ी खोई हुई चीजों की दुनियाbमें सम्मिलित हो जाती है। मैं गुम होने के डर से अपने साथ छाता ले जाने का साहस नहीं करता। मैंने जीवन में कभी छाता नहीं खोया है। क्या किसी छाता साथ रखने वाले व्यक्ति ने, जो छाते को कसकर पकड़े रहता है, कभी ऐसी उपलब्धि प्राप्त की है?

Para 5

Para 5: फिर भी कुछ ही व्यक्ति विस्मृति के कारण अपनी सम्पत्ति खोते हैं। सामान्य व्यक्ति अपने गन्तव्य स्थान पर अपने सभी थैलों और बक्सों सहित सुरक्षित पहुँच जाता है। एक वर्ष में रेलगाड़ियों में खोये सामान की सूची से ज्ञात होता है कि वयस्कों की अपेक्षा नवयुवकों ने अधिक वस्तुएँ खोई हैं तथा खिलाड़ियों की स्मृति सामान्य साथियों की अपेक्षा अधिक खराब होती है, जैसे-फूटबालों तथा क्रिकेट के बल्लों की काफी अधिक संख्या भली गई है। इसे आसानी से समझ सकते हैं, क्योंकि खिलाड़ी जब खेलकर लौटते हैं, उनकी कल्पनाएँ क्रीडा-स्थल के दृश्यों से तब भी भरी रहती है, और उनके मस्तिष्क में ऊची उडान भरी रहती है-अथवा अपमान की भावना से उत्साहहीन होते हैं-जैसे वे अपनी साहसपर्ण कात या त्रुटि का स्मरण करते हैं। वे बाहरी दुनिया से दूर चले जाते हैं स्मतियाँ उन्हें रेलगाडी से उतरते समय गेंद या बल्ला अपने साथ ले जाने से रोकती है। बाकी के दिन में वे स्वप्नलोक की दुनिया में विचरण करते हैं। निस्संदेह, यही बात मछली पकड़ने वालों के बारे में कही जा सकती है, जो अपने मछली पकड़ने के काँटे भूल जाते हैं। मैं नहीं जानता किस औचित्य से मछली पकड़ने वाले सामान्यतः सबसे अधिक कल्पना-शक्ति से पूर्ण व्यक्ति कहे जाते हैं। और जो व्यक्ति दिन भर मछली पकड़ने के पश्चात् घर जाते हुए शानदार झूठ का निर्माण करता है। यह उसके व्यवहार में थोड़ा सा भुलक्कड़ तो
होगा-कि वह मछली पकड़ने का काँटा भूल जाता है। जैसे ही वह एक काल्पनिक देश के मछली पकड़ने के काँटे पर दांव-पेचों का दिन में स्वप्न लेता है। उसकी विस्मृति वास्तव में उसके आनन्द की तीव्रता की प्रशंसा है, जिसे वह दिन भर के खेल के बारे में सोचकर प्राप्त करता है। वह मछली पकड़ने का काँटा भल सकता है, जैसे कवि पत्र डालना भूल सकता है, क्याकि उसका मस्तिष्क शानदार सामग्री से होता है। इस प्रकार की विस्मृति मुझे तो एक अच्छा गुण प्रतीत होती है। एक भुलक्कड व्यक्ति ऐसा
व्यक्ति होता है जो जीवन का सच्चा आनन्द लेता है। अतः उसके पास साधारण बातों के स्मरण कर का समय नहीं होता। सुकरात तथा कोलरिज पर कौन विश्वास करेगा कि वे पत्र डाल देंगे? उनकी आत्मा ऐसी वस्तुओं से ऊपर उठी होती हैं।

Para 6

Para 6 : “अच्छी याददास्त को धारण करना पूरी तरह से आवश्यक है, इस प्रश्न पर प्रायः वाद-विवाद होता रहता है। और दोषपूर्ण स्मृति वाले लोग कभी-कभी अपनी श्रेष्ठता मनवाने का प्रयास करते रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्ण रूप से स्मरण करने वाला व्यक्ति प्रथम श्रेणी की बुद्धि वाला कभी नहीं होता। ये लोग बच्चों या बड़ों के विभिन्न उदाहरणों का उल्लेख करते हैं, जिनकी आश्चर्यजनक स्मतियाँ थीं और उनमें कहने को कोई बुद्धि नहीं थी। फिर भी मैं सोचता हूँ कि सब मिलाकर, महान लेखक तथा संगीतकार विलक्षण स्मृति शक्ति वाले हुए हैं। कवि लोग, जिनको मैं जानता हूँ की स्मति अच्छी थी अपेक्षाकृत उन दलालों के जिनसे मेरा परिचय है। वास्तव में स्मृति उनकी कला की आधी सामग्री है। इसके विपरीत राजनेता, जिनकी स्मृतियाँ असाधारण रूप से बुरी होती हैं, ऐसे प्रतीत होते हैं। दो राजनेताओं को एक ही घटना का स्मरण करने दो-उदाहरण के लिए, किसी मन्त्रिपरिषद की बैठक
में क्या हुआ था और उनमें से प्रत्येक आपको कहेगा कि दूसरे राजनेता की कहानी एकदम गलत है या तो उसकी स्मृति छलनी जैसी है या वह सच्चाई को तोड़-मरोड़ने वाला नीच है। राजनेताओं की आत्मकथाओं तथा भाषणों में तथ्यों को बार-बार चुनौती दी जाती है, यह बात यह प्रकट करती है कि संसार ने अभी तक आदर्श राजनेताओं को उत्पन्न करना आरम्भ नहीं किया है-ऐसे व्यक्ति जिनमें, महानकवियों के समान, स्मृति और बुद्धि की मिली हुई विशिष्टता हो।

Para 6

Para7: उसी समय, सामान्यतः अच्छी स्मृति इतनी सामान्य है कि हम उस व्यक्ति को, जिसकी स्मृति ठीक न हो, सनकी मानते हैं। मैंने एक पिता के बारे में सुना, जो बच्चा-गाड़ी में बच्चे को बाहर थी घुमाने के प्रस्ताव के पश्चात् प्रातः काल की घूप द्वारा अपनी यात्रा पर रुकने के लिए आकर्षित हुआ। और एक गिलास बीयर पीने के लिए शराब की दुकान में चुपके से चला गया। बच्चे को बाहर बच्चा-गाड़ी में छोड़कर वह सैलून-बार के दरवाजे से बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद, उसकी पत्नी को कुछ खरीदारी करनी थी, वह शराब की दुकान के आगे से निकली, उसने अपने सोते हुए बच्चे को देखा तो वह बहुत भयभीत हुई। उसे अपने पति के व्यवहार पर क्रोध था। उसने अपने पति को सबक सिखाने का निर्णय लिया। वह बच्चा-गाड़ी को ले आई। उसने अपने पति के आतंक को अपने मन में चित्रित किया कि जब वह दुकान से बाहर आयेगा और बच्चे को गायब पायेगा तो आतंकित होगा। वह घर आ गई। वह आशा कर रही थी कि जब उसका पति सफेद चेहरा और काँपते होठों से यह सूचना देगा कि बच्चा चोरी हो गया तो वह क्रोध में आनन्द लेगी। फिर भी उसकी क्या व्याकुलता थी, जब लंच से पहले उसका पति प्रसन्नतापूर्वक मुस्कराता हुआ आया और पूछा, “प्रिय, आज लंच में क्या बनाया है?” वह बच्चे के बारे में सब भूल गया और वह इस बात को भी भूल गया कि वह बच्चे को बाहर घुमाने ले गया
था। दार्शनिक के स्तर से नीचे ऐसे कितने लोग होंगे जिनमें इस प्रकार का भुलक्कड़पन होता है? मुझ डर है, हममें से अधिकांश लोग अरुचिकर रूप से इस प्रकार की स्मति लेकर पैदा होते हैं। यदि ऐसा न, हुआ होता तो किसी बड़े आधनिक शहर में परिवार की संस्था विद्यमान नहीं रह सकती थी।

UP Board Chapter 2 Class 11

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Chapter 2 Class 11th Summary of the Lesson
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ENGLES Chapter 1 Class 11th

My Struggle for An Education Class 11
Summary of the Lesson 1 Class 11
Explanations with Reference to the Context Class 11th
Comprehension Questions or Paras Class 11th
Short Answer Type Questions Class 11th
Long Answer Type Questions class 11
FILL IN THE BLANKS Class 11th

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