UP board chapter 7 Class 11 A ON AN AFRICAN RIVER |
Board | UP Board |
Text book | NCERT |
Class | 11th |
Subject | English |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter name | A ON AN AFRICAN RIVER |
Chapter Number | Number 1 Introduction |
Category | English PROSE Class 11th |
UP Board Syllabus Chapter 7 Class 11th English (Prose) |
Introduction to the lesson
Introduction to the lesson: The writer of this lesson is David Livingstone. He travels on a South African river Chobe. The river is full of dangerous hippos and
crocodiles. In this lesson the writer describes the river, its animals and some tribes of that region.
पाठ का परिचय
पाठ का परिचय : प्रस्तुत पाठ के लेखक डेविड लिविंगस्टन हैं। वह दक्षिण अफ्रीका की एक नदी चोब पर यात्रा करता है। उस नदी में भयंकर हिप्पो और मगर हैं। लेखक उस नदी का, उसके जानवरों एवं उस क्षेत्र की कुछ जन-जातियों का इस पाठ में वर्णन करता है।
पाठ का हिन्दी अनुवाद
Para 1
Para 1: 11 नवम्बर 1853 को मैंने चोब नदी पर एक नाव ली जो जाम्बेजी से बहती है। यह देखने के लिए कि यात्रा प्रारम्भ करने से पहले सब कुछ ठीक था, मुखिया नदी पर आया। उसने अपनी स्वयं की नाव मुझे उधार देदी, और उससे पहले जो नाव मैंने प्रयोग की थी, वह अधिक चौड़ी थी, मैं आराम
से इसमें जगह बदल सकता था।
Para 2
Para2: चोब नदी हिप्पो जानवरों से परिपूर्ण है। इनमें से कुछ तो बड़ी उम्र के नर हैं जिन्हें अपने झुण्ड में से निकाल दिया गया है। वे अपने स्वभाव से गुस्सैल हो गये हैं और वे इतने बुरे स्वभाव के बन चुके हैं कि अपने पास से निकलने वाली हर नाव पर आक्रमण कर देते हैं। झुण्ड कभी खतरनाक नहीं
होता. वह तभी खतरा बनता है जब वे सब सो रहे हों और उनके बीच में से नाव निकाली जाए। तब डर कर वे नाव पर हमला कर सकते हैं। इससे बचने के लिए यात्री को सलाह दी जाती है कि दिन के समय नाव नदी के किनारे-किनारे चलाई जाए, और रात के समय नदी के बीच में चलाई जाए।
Para 3
Para3:नियमानुसार हिप्पो आदमी को देखने पर भाग जाते हैं। झुण्ड से निकाल दिय हिप्पो जैसे मुण्ड से निकाला हआ हाथी बार खान लाइआ हाथी, बहुत खतरनाक बन जाते हैं। इस समय हम एक ऐसी नाव क
पास आए जो उन (हिप्पो) में से किसी एक के पिछले पैर की चोट से चूर-चूर की जा चुका था।
Para 4
Para 4:मेरे लोगों के द्वारा मुझे बताया गया कि यदि हमारी नाव पर हमला किया जाए तो सबस अच्छा काम यह होगा कि नदी के तल तक का गोता लगाकर वहाँ पर कुछ सेकिण्ड के लिए ठहर लिया जाए। ऐसा प्रतीत होता है कि नाव को तोड़ देने के बाद शिप्पो हमेशा पानी की सतह पर आदमिया का
देखना चाहता है. आर यदि उसे कोई दिखाई नहीं पड़ता है, तो वह तुरन्त चल देता है। उन ‘कुंवारौ मैं से कोई एक. जैसा कि झुण्ड में से निकाले गये हिप्पो अक्सर कहे जाते है, अपने विश्राम स्थल मस वास्तव में निकल आते हैं, और हमारे कुछ यात्रा कर रहे लोगों के पीछे, अपना सिर नीचे झुकाकर, बहुत
तेज गति से दौड़ते हैं।
Para 5
Para 5: एक समूह के अन्दर उनकी गिनती बताई नहीं जा सकती क्योंकि वे लगभग हर समय पानी के भीतर ही छिपे रहते हैं। किन्तु उन्हें थोड़े-थोडे मिनटों की देरी में साँस लेने के लिए ऊपर आने की जरूरत पड़ती रहती है। यदि ये सिर हमेशा ऊपर आते रहते हैं, तो झुण्ड को बड़ा माना जाता है।
Para 6
Para6:ये बच्चे जब बहुत छोटे होते हैं तो अपनी माँ की गर्दन पर खड़े हो जाते हैं, और बड़े सिरों के ऊपर उनके छोटे सिर तुरन्त ही सतह पर आ जाते हैं। माँ. यह जानते हुए कि उसका बच्चा पानी के भीतर इतनी देर तक नहीं रुक सकता, जब बच्चे की देखभाल में रहती है। तो जल्दी-जल्दी सतह पर
ऊपर को आती रहती है। दूसरे समय व इतनी जल्दी-जल्दी ऊपर सतह पर नहीं आती।
Para 7
Para7: मगरों की संख्या यहाँ बहुत अधिक है तथा कछ अन्य नदियों की अपेक्षा इस नदी में वे बहुत अधिक उपद्रवी हैं। प्रतिवर्ष काफी संख्या में बच्चे खींचकर ले जाए जाते हैं, क्योंकि खतरे के पावजूद जब वे पानी के लिए नीचे उतरते हैं, तब थोड़ी देर के लिए खेलते रह जाते हैं। बहुत से बछड़े
गवा दिए जाते हैं और ऐसा तो बहुत कम ही होता है कि बहुत सी गायें तैरकर पार करें और उनमें से कोई एकाध पकड़ी न जाए। देशी लोगों में चर्चा होती है कि मगर अपने शिकार को पहले अपनी पूंछ से मारता है। फिर उसे बलपूर्वक अन्दर घसीटकर उसे डूबा देता है। जब मगर पानी में अन्दर लेटकर
अपने शिकार को देख रहा होता है तो उसका शरीर दिखाई नहीं पड़ता।
Para 8
Para 8: एक बार मैंने एक बेचारे आदमी को मगर के द्वारा पकड़े जाते और नीचे ले जाते देखा था उसके बाद से जब भी मैं अपने आदमियों को तैरकर नदियाँ पार करते देख लेता हूँ तो मेरी कँपकँपी नहीं रुक पाती है। जैसे कि लगभग सभी स्थानीय देशी आदमी जब खतरे में होते हैं। तब अपने होश नहीं
खोते हैं. उसी प्रकार उस आदमी ने भी अपने होश उस समय ठीक रखे जबकि उसे नीचे खींचा गया, और उस समय अपने पास के वर्गाकार खुरदरे भाले से मगर के कन्धे के पीछे एक घाव कर दिया। दर्द के मारे चौंककर मगर ने उसे छोड़ दिया, और वह आदमी अपनी जाँघ पर उस मगर के दाँतों के गहरे निशान लिए हुए बाहर निकल आया।
Para 9
Para 9:यहाँ पर लोगों में ऐसी घटना में फंसे लोगों के प्रति कोई बुरी भावना नहीं है, किन्तु कुछ जातियों में. यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार से काट लिया जाता है. उसके ऊपर मगर अपनी पँछ से पानी ही उछाल देता है, तो उसे जाति से बाहर निकाल दिया जाता है।
Para 10
Para 10 : एक रात को हम ऐसे स्थान पर सोये हुए थे जहाँ मगरों के एक साथ अण्डे तोड़कर निकले हए बच्चों के दो दल हाल ही में निकल पड़े थे। नदी के किनारे-किनारे आते हुए हमने बहुत से छोटे-छोटे मगर देखे थे जो बूढ़े मगरों की संगति में, रेतीले किनारों पर धूप सेंक रहे थे तो लगता था
कि यह उनका घोंसलों से बाहर निकलने का समय था। उन उजड़े हुए घोंसलों में से एक में हमने आग जला रखी थी। टूटे हुए अण्डों के छिलको के साथ यह सब तरफ बिखरे हुए थे।
Para 11
Para 11: एक स्थान पर हमने एक मात्र घोसले में से साठ अण्डे निकाले जाते देखे। ये अण्डे हंस के अण्डे के समान आकार के थे, और जब इसे दबाया जाता था तो इनका सफेद छिलका थोड़ा दब जाता था। पानी से इन घोंसला की दूरी लगभग दस फाट था; आर इस स्थान पर ऐसे चिह थे जो बताते थे कि पिछले वर्षों में इस जगह का प्रयोग घासला बनाने के लिए किया गया है। पानी से घोंसले
तक को एक चौड़ी रास्ता जा रही थी। मेरे साथियों ने बताया कि अण्डे देने के बाद माँ उन्हें ढक देती है और उन्हें छोड़ जाती है। कुछ देर बाद वह लौटती है और बच्चों को आजाद होने में उनकी सहायता
करती है।
Para 12
Para 12 :छोटी और बड़ी दोनों तरह की मछलियाँ मगरों का खास भोजन होती हैं; और चमड़े की परतें चढ़ी हुई उनकी पूछों के द्वारा उन्हें मछलियाँ पकड़ने में सहायता की जाती है। कभी-कभी दूसरे किनारे पर पानी में आदमी देखकर मगर नदी के उस पार की ओर आश्चर्यजनक रूप से तेजी से दौड़ कर जाता है। सतह पर बनती हुई तेज झनझनाहट से यह चाल दिखाई पड़ जाती है। यह झनझनाहट वास्तव में तले में मगर की तेज गति के कारण उत्पन्न होती है।
Para 13
Para 13 : शिकार को पकड़ने के लिए मगर अक्सर पानी के बाहर नहीं निकलते हैं; किन्तु नदी का आनन्द लेने के लिए दिन के समय वे अक्सर बाहर आ जाते हैं। एक बार, एक छोटा सा बच्चा, जो करीब तीन फीट लम्बा होगा, लपककर मेरे पैरों में टकराया और उसने मुझे दूसरी दिशा की तरफ तेजी से दौड़ा दिया लेकिन अधिकतर ऐसा नही होता है, लेकिन मैंने फिर कभी ऐसी घटना के बारे में नहीं सना। खासतौर से रात में मछली पकड़ते समय जब वे भोजन की तलाश में लगे होते हैं तब वे प्रकाश से बचते रहते हैं। और जब वे खाना खाते होते हैं तब वे चपचप की जोरदार आवाज करते हैं, जो एक बार सुन लेने के बाद, कभी भुलाई नहीं जाती।
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